भारत सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) के तहत मिलने वाली न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति महीना करने पर विचार कर रही है। यह बदलाव 10 साल से स्थिर पड़ी पेंशन राशि में 650% की भारी बढ़ोतरी का संकेत देता है।
संसदीय समिति ने श्रम मंत्रालय को 2025 तक तीसरे पक्ष द्वारा EPS का मूल्यांकन पूरा करने का निर्देश दिया है, जिससे पेंशनर्स को महंगाई और बढ़ती जीवनयापन लागत से राहत मिलने की उम्मीद है।
EPS-95 का मुख्य उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। हालांकि, 2014 से अब तक न्यूनतम पेंशन समान रहने के कारण पेंशनर्स को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
इसी मांग को ध्यान में रखते हुए EPS-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 7,500 रुपये पेंशन और महंगाई भत्ता (DA) देने की गुहार लगाई है।
EPS-95 Pension Scheme
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
योजना का नाम | कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) |
शुरुआत | 16 नवंबर 1995 |
प्रबंधन | कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) |
वर्तमान पेंशन | 1,000 से 2,000 रुपये प्रति माह (2014 से स्थिर) |
प्रस्तावित पेंशन | 7,500 रुपये प्रति माह (650% वृद्धि) |
योग्यता | कम से कम 10 वर्ष की सेवा और 58 वर्ष की आयु |
महत्वपूर्ण मांग | महंगाई भत्ता (DA) जोड़ना + मुफ्त चिकित्सा सुविधा |
अगली बैठक | EPFO की केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) बैठक – फरवरी 2025 में चर्चा हुई |
समिति की सिफारिश | 2025 तक तीसरे पक्ष द्वारा मूल्यांकन पूरा करें |
EPS पेंशन बढ़ोतरी की वजह
- महंगाई का बोझ: 2014 से 2025 तक खाद्य वस्तुओं, दवाइयों और ईंधन की कीमतों में 100-150% की वृद्धि हुई है।
- अपर्याप्त पेंशन: 1,000 रुपये से दैनिक जरूरतें पूरी करना असंभव (उदाहरण: 1 किलो दाल = 100-150 रुपये)।
- यूनियनों का दबाव: ट्रेड यूनियनों और EPS-95 समिति ने 7-8 साल से लगातार बढ़ोतरी की मांग की है।
7,500 रुपये पेंशन का प्रभाव
- मासिक बचत: पेंशनर्स घर का किराया, बिजली बिल और दवाइयाँ आसानी से खरीद पाएंगे।
- सामाजिक सुरक्षा: वृद्धावस्था में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
- आर्थिक स्थिरता: परिवारों पर आर्थिक निर्भरता कम होगी।
क्या है पेंशन बढ़ोतरी की प्रक्रिया?
- संसदीय समिति की सिफारिश: श्रम मंत्रालय को तीसरे पक्ष द्वारा EPS मूल्यांकन कराना होगा।
- EPFO बोर्ड की मंजूरी: केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) बजट और कोष की उपलब्धता पर चर्चा करेगा।
- कैबिनेट मंजूरी: वित्त मंत्रालय अंतिम हरी झंडी देगा।
कौन ले सकेंगे लाभ?
- रिटायरमेंट आयु: 58 वर्ष (अगर 50-58 वर्ष के बीच रिटायर हुए, तो कटौती के साथ पेंशन मिलेगी)।
- सेवा अवधि: कम से कम 10 वर्ष का EPF अंशदान।
- विशेष श्रेणी: विकलांग कर्मचारियों के लिए अलग नियम।
पेंशनर्स की मुख्य मांगें
- महंगाई भत्ता (DA): पेंशन को CPI आधारित बनाना।
- मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा: पेंशनर्स और उनके जीवनसाथी के लिए मेडिकल इंश्योरेंस।
- पेंशन समीक्षा: हर 3 साल में पेंशन राशि का पुनर्मूल्यांकन।
अब तक क्या हुआ?
- फरवरी 2024: EPFO ने PF ब्याज दर 8.25% की घोषणा की, लेकिन पेंशन बढ़ोतरी पर चर्चा टल गई।
- जनवरी 2025: EPS-95 समिति ने निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर 7,500 रुपये पेंशन का प्रस्ताव रखा।
- अप्रैल 2025: संसदीय पैनल ने 2025 तक मूल्यांकन पूरा करने का आदेश दिया।
निष्कर्ष
EPS-95 पेंशन में 7,500 रुपये की संभावित बढ़ोतरी भारत के 6 करोड़ से अधिक पेंशनर्स के लिए एक बड़ी राहत होगी। यह बदलाव न केवल वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि महंगाई के बोझ को कम करने में भी मदद करेगा।
हालांकि, इस प्रक्रिया में EPFO बोर्ड, वित्त मंत्रालय और कैबिनेट की मंजूरी ज़रूरी है, जिसमें 6-12 महीने का समय लग सकता है।
पेंशनर्स को आधिकारिक घोषणा तक धैर्य रखने और श्रम मंत्रालय/EPFO की वेबसाइट पर अपडेट्स जारी रखने की सलाह दी जाती है। सरकार और यूनियनों के बीच चल रही वार्ता इस मुद्दे को जल्द हल करने की उम्मीद जगाती है।
Disclaimer: यह खबर संसदीय समिति की सिफारिशों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। अभी तक सरकार ने आधिकारिक घोषणा नहीं की है। पेंशन बढ़ोतरी के लिए EPFO बोर्ड और कैबिनेट की मंजूरी जरूरी है। पेंशनर्स को आधिकारिक विज्ञप्ति का इंतजार करना चाहिए।