बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) की 70वीं संयुक्त मुख्य परीक्षा (Main Exam) 2024 बिहार के सिविल सेवा उम्मीदवारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण थी। यह परीक्षा राज्य में सरकारी नौकरी पाने के लिए एक बड़ा मौका होती है।
लेकिन इस बार परीक्षा के दौरान नकल की घटनाओं ने पूरे प्रक्रिया को विवादों में डाल दिया। विशेष रूप से पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर हुई नकल और अराजकता की घटनाओं ने परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए।
इस परीक्षा में हजारों उम्मीदवार शामिल हुए थे, जो अपने भविष्य के लिए पूरी मेहनत कर रहे थे। लेकिन कुछ उम्मीदवारों द्वारा नकल करने की कोशिश और परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था की कमी ने पूरे माहौल को खराब कर दिया।
सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई घटनाओं ने इस पूरे मामले को और भी गंभीर बना दिया। आयोग को मजबूरन उस केंद्र की परीक्षा रद्द करनी पड़ी और पुनः परीक्षा आयोजित करनी पड़ी।
यह मामला केवल एक परीक्षा विवाद नहीं था, बल्कि बिहार के शैक्षिक और प्रशासनिक व्यवस्था की एक बड़ी परीक्षा भी बन गया। छात्रों, अभिभावकों, राजनीतिक दलों और मीडिया ने इस घटना पर गहरा ध्यान दिया।
इस लेख में हम BPSC 70वीं मुख्य परीक्षा 2024 के विवाद, नकल की घटनाओं, आयोग की कार्रवाई और न्यायिक फैसलों का विस्तार से विश्लेषण करेंगे।
BPSC 70th Main Exam
विवरण | जानकारी |
परीक्षा नाम | BPSC 70वीं संयुक्त मुख्य परीक्षा (Main Exam) |
प्रारंभिक परीक्षा तिथि | 13 दिसंबर 2024 |
मुख्य परीक्षा तिथि | 25 अप्रैल 2025 |
विवादास्पद केंद्र | बापू परीक्षा भवन, पटना |
मुख्य आरोप | नकल, पेपर लीक, परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था की कमी |
सीसीटीवी फुटेज | हॉल में नकल करते हुए उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग |
आयोग की कार्रवाई | विवादित केंद्र की परीक्षा रद्द, पुनः परीक्षा 4 जनवरी 2025 को |
न्यायिक फैसला | सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य परीक्षा रोकने से इनकार किया |
पुनः परीक्षा में शामिल उम्मीदवार | लगभग 5,943 |
घटनाक्रम: 13 दिसंबर 2024 की अराजकता
- पेपर वितरण में देरी: कई केंद्रों पर प्रश्नपत्र वितरण में देरी हुई, जिससे छात्रों में असंतोष बढ़ा।
- छात्रों का विरोध: बापू परीक्षा भवन में लगभग 300-400 उम्मीदवारों ने परीक्षा बहिष्कार किया और हंगामा किया।
- सीसीटीवी फुटेज में खुलासा: वीडियो में दिखा कि कुछ उम्मीदवार कॉपियाँ छीन रहे हैं और हॉल में घुसपैठ कर रहे हैं।
- प्रशासनिक लापरवाही: परीक्षा नियंत्रक और जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था में चूक हुई। DM चंद्रशेखर सिंह द्वारा एक छात्र को थप्पड़ मारने की घटना भी सामने आई।
आयोग और प्रशासन की प्रतिक्रिया
- BPSC का बयान: आयोग ने कहा कि पेपर लीक के दावे निराधार हैं और यह एक साजिश थी।
- पुनः परीक्षा का आदेश: विवादित केंद्र की परीक्षा रद्द कर 4 जनवरी 2025 को पुनः परीक्षा आयोजित की गई।
- पुलिस जांच: सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोषियों की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है।
न्यायिक प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- पटना हाईकोर्ट: आरोपों को निराधार मानते हुए याचिकाएँ खारिज की गईं।
- सुप्रीम कोर्ट: व्हाट्सएप मैसेज और वीडियो को अपर्याप्त सबूत मानते हुए मुख्य परीक्षा जारी रखने का आदेश दिया।
- मुख्य परीक्षा आयोजन: 25 अप्रैल 2025 को निर्धारित तिथि पर परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित हुई।
छात्रों की मांगें और विरोध
- पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग: छात्रों ने पूरे बिहार में परीक्षा रद्द कर नए सिरे से आयोजन की मांग की।
- नॉर्मलाइजेशन विवाद: पुनः परीक्षा से अंकों में असमानता और अन्याय की आशंका जताई गई।
- राजनीतिक दबाव: विपक्षी दलों ने सरकार पर परीक्षा में धांधली के आरोप लगाए।
नकल और धांधली का सिस्टमैटिक विश्लेषण
- कोचिंग संस्थानों की भूमिका: कुछ कोचिंग संस्थानों पर छात्रों को उकसाने का आरोप लगा।
- OMR शीट में गड़बड़ी: कई उम्मीदवारों ने पहले से उत्तर भरने का आरोप लगाया।
- सुरक्षा व्यवस्था की कमी: कई केंद्रों पर जैमर और सीसीटीवी की कमी रही।
मीडिया और सोशल मीडिया का रोल
- वायरल वीडियो: सोशल मीडिया पर परीक्षा केंद्र की अराजकता की वीडियो तेजी से वायरल हुई।
- फर्जी खबरों का फैलाव: पेपर लीक की अफवाहों ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया।
BPSC 70वीं परीक्षा: भविष्य की चुनौतियाँ
- पारदर्शिता बढ़ाना: परीक्षा प्रक्रिया में सुधार और पारदर्शिता लाना जरूरी है।
- सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करना: सभी परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा और तकनीकी उपाय अपनाना।
- छात्रों और प्रशासन के बीच संवाद: विवादों को रोकने के लिए बेहतर संवाद व्यवस्था बनाना।
निष्कर्ष
BPSC 70वीं मुख्य परीक्षा 2024 में हुई नकल और अराजकता की घटनाएँ बिहार के परीक्षा तंत्र की कमजोरियों को उजागर करती हैं। हालांकि, आयोग और न्यायालय ने समय रहते उचित कदम उठाए और विवादित केंद्र की परीक्षा रद्द कर पुनः परीक्षा आयोजित कराई।
यह घटना छात्रों, प्रशासन और सरकार के लिए एक सीख है कि परीक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता, सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखना कितना आवश्यक है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी सुधार और सख्त नियम लागू करना अनिवार्य है।
Disclaimer: इस लेख में वर्णित नकल और पेपर लीक के आरोपों को BPSC और न्यायालय ने अधिकारिक तौर पर खारिज किया है। आयोग के अनुसार, केवल एक केंद्र पर कुछ उम्मीदवारों द्वारा अराजकता फैलाई गई थी, जिसे सीसीटीवी फुटेज में दर्ज किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी इन आरोपों को अपर्याप्त सबूतों के कारण निराधार माना। अतः यह मामला आंशिक रूप से सत्य है, लेकिन पूरी परीक्षा को धांधली का शिकार बताना सही नहीं होगा।