Gold Price Today: भारत में सोने और चांदी की कीमतों में हाल ही में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। पिछले कुछ दिनों में सोने की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जबकि चांदी की कीमतें भी कम हुई हैं। यह बदलाव वैश्विक बाजार के रुझानों और अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों के कारण हुआ है।
17 नवंबर 2024 को, 24 कैरेट सोने की कीमत 7582.3 रुपये प्रति ग्राम थी, जो पिछले दिन से 120 रुपये कम थी। 22 कैरेट सोने की कीमत 6952.3 रुपये प्रति ग्राम थी, जो 110 रुपये कम थी। पिछले एक हफ्ते में 24 कैरेट सोने की कीमत में 4.12% की गिरावट आई है, जबकि पिछले एक महीने में 4.42% की गिरावट देखी गई है।
चांदी की कीमत 92,600 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो पिछले दिन से 100 रुपये अधिक थी। हालांकि, पिछले एक हफ्ते में चांदी की कीमत में भी गिरावट देखी गई है।
सोने और चांदी की कीमतों का अवलोकन
विवरण | सोना (24 कैरेट) | चांदी |
वर्तमान कीमत | 7582.3 रुपये/ग्राम | 92,600 रुपये/किलो |
पिछले दिन से बदलाव | -120 रुपये | +100 रुपये |
एक हफ्ते में बदलाव | -4.12% | -3.64% |
एक महीने में बदलाव | -4.42% | -2.89% |
दिल्ली में कीमत | 75,823 रुपये/10 ग्राम | 92,600 रुपये/किलो |
मुंबई में कीमत | 75,677 रुपये/10 ग्राम | 91,900 रुपये/किलो |
चेन्नई में कीमत | 75,671 रुपये/10 ग्राम | 101,700 रुपये/किलो |
प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें
- दिल्ली: 75,823 रुपये/10 ग्राम
- मुंबई: 75,677 रुपये/10 ग्राम
- चेन्नई: 75,671 रुपये/10 ग्राम
- कोलकाता: 75,675 रुपये/10 ग्राम
- बेंगलुरु: 75,670 रुपये/10 ग्राम
कीमतों में गिरावट के कारण
सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट के पीछे कई कारण हैं:
- अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना: डॉलर के मजबूत होने से सोना अन्य मुद्राओं के लिए महंगा हो जाता है, जिससे मांग कम होती है।
- अमेरिकी आर्थिक आंकड़े: मजबूत आर्थिक आंकड़ों के कारण फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो गई है।
- वैश्विक बाजार के रुझान: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है।
- क्रिप्टोकरेंसी का आकर्षण: निवेशकों का ध्यान बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की ओर शिफ्ट हुआ है, जिससे सोने की मांग कम हुई है।
भारतीय बाजार में सोने की स्थिति
भारत में सोने की कीमतें अब खाड़ी देशों और सिंगापुर जैसे पारंपरिक सोना खरीदने वाले गंतव्यों की तुलना में कम हो गई हैं। 16 नवंबर को भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत 75,650 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो पिछले दिन से 110 रुपये कम थी।
इसके विपरीत, ओमान में 24 कैरेट सोने की कीमत 75,763 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो 220 रुपये अधिक थी। कतर में यह कीमत बढ़कर 76,293 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई थी।
भारत में सोने की मांग
भारत में सोने की भौतिक मांग बढ़ रही है, जिसका संकेत सोने पर प्रीमियम में वृद्धि से मिलता है। यह प्रीमियम पिछले हफ्ते के 3 डॉलर प्रति औंस से बढ़कर इस हफ्ते 16 डॉलर प्रति औंस हो गया है। यह बढ़ती खुदरा खरीदारी रुचि को दर्शाता है, जो संभवतः चल रहे शादी के मौसम और त्योहारों की खरीदारी के कारण है।
वैश्विक सोने का परिदृश्य
वैश्विक स्तर पर, सोने की कीमतों में तीन साल में सबसे तेज साप्ताहिक गिरावट देखी गई है। स्पॉट सोने की कीमतें अमेरिका में 4.5% गिरकर लगभग 2,563.25 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस के दो महीने के निचले स्तर पर कारोबार कर रही हैं।
यह गिरावट मुख्य रूप से अमेरिका से मजबूत आर्थिक आंकड़ों के कारण हुई है, जिससे ट्रेजरी यील्ड और डॉलर के लंबे समय तक मजबूत रहने की उम्मीद बढ़ गई है। एक मजबूत डॉलर डॉलर में मूल्य वाली वस्तुओं जैसे सोने को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए अधिक महंगा बना देता है, जिससे वैश्विक मांग पर दबाव पड़ता है।
भारत में सोने की कीमतों का विश्लेषण
भारत में सोने की कीमतों में गिरावट के बावजूद, खुदरा मांग मजबूत बनी हुई है। यह मुख्य रूप से निम्नलिखित कारणों से है:
- शादी का मौसम: भारत में चल रहे शादी के मौसम के कारण सोने की मांग बढ़ी है।
- त्योहारी खरीदारी: दिवाली और धनतेरस जैसे त्योहारों के दौरान सोने की खरीदारी में वृद्धि हुई।
- निवेश विकल्प: कई निवेशक सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में देखते हैं।
- आयात शुल्क में कमी: इस साल की शुरुआत में आयात शुल्क में कमी के कारण सोने की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
चांदी की कीमतों का रुझान
चांदी की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव देखा गया है। 17 नवंबर को भारत में चांदी की कीमत 939.78 रुपये प्रति 10 ग्राम, 9,397.85 रुपये प्रति 100 ग्राम और 93,978 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
पिछले 10 दिनों में चांदी की कीमतों में निम्नलिखित बदलाव देखे गए:
तारीख | 1 किलो की कीमत | बदलाव % |
12 नवंबर, 2024 | ₹95,322 | -1.94% |
11 नवंबर, 2024 | ₹97,211 | 0.00% |
10 नवंबर, 2024 | ₹97,211 | 0.00% |
9 नवंबर, 2024 | ₹97,211 | +0.61% |
8 नवंबर, 2024 | ₹96,624 | -4.09% |
सोने और चांदी में निवेश का भविष्य
विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान बाजार में गिरावट के बावजूद, सोने और चांदी में निवेश के लिए अभी भी अवसर हैं। कुछ प्रमुख बिंदु:
- लंबी अवधि का दृष्टिकोण: आर्थिक अनिश्चितता के समय में सोना अक्सर लचीलापन दिखाता है।
- पोर्टफोलियो विविधीकरण: सोना और चांदी पोर्टफोलियो विविधीकरण के लिए महत्वपूर्ण संपत्तियां बनी हुई हैं।
- वैश्विक आर्थिक स्थिति: वैश्विक आर्थिक स्थिति में किसी भी बदलाव से कीमती धातुओं की कीमतों पर प्रभाव पड़ सकता है।
- त्योहारी मांग: भारत में त्योहारों और शादियों के मौसम के दौरान सोने और चांदी की मांग बढ़ने की उम्मीद है।
निवेशकों के लिए सुझाव
- बाजार की निगरानी करें: कीमतों में उतार-चढ़ाव पर नजर रखें और सही समय पर निवेश करें।
- विविधीकरण: अपने पोर्टफोलियो में सोने और चांदी के साथ-साथ अन्य संपत्तियों को भी शामिल करें।
- लंबी अवधि का दृष्टिकोण अपनाएं: कीमती धातुओं में निवेश करते समय छोटी अवधि के उतार-चढ़ाव से न घबराएं।
- गुणवत्ता सुनिश्चित करें: हमेशा प्रमाणित डीलरों से खरीदारी करें और हॉलमार्क वाले सोने और चांदी को प्राथमिकता दें।
- डिजिटल विकल्पों पर विचार करें: सोने के ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे डिजिटल निवेश विकल्पों पर भी विचार करें।
भविष्य का परिदृश्य
आने वाले समय में सोने और चांदी की कीमतों को प्रभावित करने वाले कुछ प्रमुख कारक हो सकते हैं:
- फेडरल रिजर्व की नीतियां: अमेरिकी केंद्रीय बैंक की ब्याज दर नीतियां कीमती धातुओं की कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं।
- वैश्विक आर्थिक स्थिति: किसी भी आर्थिक मंदी या अस्थिरता से सोने की मांग बढ़ सकती है।
- भू-राजनीतिक तनाव: मध्य पूर्व में तनाव जैसी भू-राजनीतिक घटनाएं सोने की कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं।
- मौसमी मांग: भारत में शादी के मौसम और त्योहारों के दौरान सोने की मांग बढ़ सकती है।
- तकनीकी नवाचार: इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य उद्योगों में चांदी की बढ़ती मांग इसकी कीमतों को प्रभावित कर सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। सोने और चांदी की कीमतें बाजार की स्थितियों के अनुसार बदल सकती हैं। निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा एक योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। लेख में दी गई जानकारी लेखन के समय सही थी, लेकिन समय के साथ बदल सकती है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने स्वयं के शोध और विश्लेषण पर भरोसा करें और किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता का मूल्यांकन करें।