दिल्ली मेट्रो फेज 4 का कार्य तेजी से प्रगति पर है और इसने अब तक 60% कार्य पूरा कर लिया है। यह योजना दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को और मजबूत बनाने के लिए बनाई गई है। फेज 4 में कुल 6 नए गलियारे बनाए जाएंगे, जिनमें से 3 को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। इनमें से एक महत्वपूर्ण विस्तार कृष्णा पार्क मेट्रो एक्सटेंशन है, जो जनकपुरी वेस्ट से आरके आश्रम मार्ग तक फैला हुआ है। इस लेख में हम दिल्ली मेट्रो फेज 4 के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिसमें इसकी विशेषताएँ, लाभ और संभावित प्रभाव शामिल हैं।
दिल्ली मेट्रो फेज 4: एक संक्षिप्त परिचय
दिल्ली मेट्रो फेज 4 का उद्देश्य नई आवासीय क्षेत्रों को जोड़ना और यात्रा की सुविधा को बढ़ाना है। इस परियोजना के अंतर्गत कुल 103.93 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइनों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 45 नए स्टेशन शामिल होंगे। इसके अलावा, इस योजना का अनुमानित बजट लगभग 24,948.65 करोड़ रुपये है। फेज 4 के तहत तीन प्राथमिक गलियारे हैं:
- जनकपुरी वेस्ट – आरके आश्रम मार्ग
- मौजपुर – मजलिस पार्क
- दिल्ली एरोसिटी – तुगलकाबाद
इन गलियारों का निर्माण पूरा होने पर दिल्ली में मेट्रो नेटवर्क की पहुंच और भी बढ़ जाएगी।
योजना की प्रमुख जानकारी
विशेषता | विवरण |
---|---|
कुल लंबाई | 103.93 किलोमीटर |
लाइनों की संख्या | 6 |
स्टेशन की संख्या | 45 (प्राथमिक गलियारे) |
बजट | ₹24,948.65 करोड़ |
प्राथमिक गलियारे | जनकपुरी वेस्ट – आरके आश्रम |
मौजपुर – मजलिस पार्क | |
दिल्ली एरोसिटी – तुगलकाबाद |
दिल्ली मेट्रो फेज 4 के मुख्य पहलू
1. कार्य प्रगति:
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने फेज 4 के तहत कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया है। वर्तमान में, जनकपुरी वेस्ट से कृष्णा पार्क एक्सटेंशन तक का खंड चालू हो चुका है, जो कि लगभग 2.8 किलोमीटर लंबा है। यह खंड मेट्रो नेटवर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
2. नए स्टेशन:
फेज 4 के अंतर्गत कई नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जो विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ेंगे। कुछ प्रमुख स्टेशनों में शामिल हैं:
- कृष्णा पार्क एक्सटेंशन
- केशोपुर
- पीरागढ़ी
- मंगोलपुरी
- पश्चिमी एन्क्लेव
- पुष्पांजलि
- पिटंपुरा
3. परिवहन क्षमता:
इस परियोजना के पूरा होने पर, दिल्ली मेट्रो की परिवहन क्षमता में वृद्धि होगी। अनुमानित रूप से, यह योजना प्रतिदिन लगभग 1.5 मिलियन यात्रियों को सेवा प्रदान करेगी।
4. आर्थिक लाभ:
दिल्ली मेट्रो फेज 4 न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। इससे नई नौकरियों का सृजन होगा और व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
5. पर्यावरणीय प्रभाव:
मेट्रो परिवहन का एक स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है। इससे सड़क पर वाहनों की संख्या कम होगी और वायु प्रदूषण में कमी आएगी।
निष्कर्ष
दिल्ली मेट्रो फेज 4 एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जो शहर की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने के लिए बनाई गई है। इसके माध्यम से न केवल यात्रा की सुविधा बढ़ेगी बल्कि आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।
अस्वीकृति: यह योजना वास्तविक है और इसके कार्यान्वयन पर तेजी से काम चल रहा है। हालांकि, कुछ चुनौतियाँ भी हैं जैसे कि समय सीमा में देरी और वित्तीय प्रबंधन। लेकिन DMRC ने अपने प्रयासों को जारी रखा है और उम्मीद की जा रही है कि सभी प्राथमिक गलियारे मार्च 2026 तक चालू हो जाएंगे।