Special B.Ed vs B.Ed: जानिए दोनों में क्या है अंतर, इस पोस्ट में मिलेगा हर सवाल का जवाब, पढ़ें पूरी जानकारी

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शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए बी.एड और स्पेशल बी.एड दो महत्वपूर्ण कोर्स हैं। इन दोनों कोर्सों के बीच कुछ मुख्य अंतर हैं जो आपको अपने करियर के लिए सही निर्णय लेने में मदद करेंगे। बी.एड एक सामान्य शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जबकि स्पेशल बी.एड विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

बी.एड और स्पेशल बी.एड दोनों ही शिक्षक बनने के लिए आवश्यक हैं, लेकिन इनमें कुछ मुख्य अंतर हैं जो आपको इन दोनों कोर्सों के बीच चयन करने में मदद करेंगे। बी.एड का आयोजन एनसीटीई (National Council for Teacher Education) द्वारा किया जाता है, जबकि स्पेशल बी.एड का आयोजन आरसीआई (Rehabilitation Council of India) द्वारा किया जाता है।

स्पेशल बी.एड कोर्स में विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। यह कोर्स अब 4 वर्षों का हो गया है, जो पहले 2 वर्षों का था। इस कोर्स के माध्यम से आप विकलांग, अपंग, और मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा देने में सक्षम हो सकते हैं।

स्पेशल बी.एड क्या है?

स्पेशल बी.एड एक विशेष शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस कोर्स में आपको विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि आप मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा दे सकें। यह कोर्स अब 4 वर्षों का हो गया है, जो पहले 2 वर्षों का था।

स्पेशल बी.एड कोर्स में विभिन्न विषयों की पढ़ाई होती है, जैसे कि हिंदी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, केमिस्ट्री, और फिजिक्स। इस कोर्स के माध्यम से आप दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने में सक्षम हो सकते हैं और उनके सतत विकास में मदद कर सकते हैं।

बी.एड और स्पेशल बी.एड में क्या अंतर है?

विशेषताबी.एडस्पेशल बी.एड
कोर्स की अवधि2 वर्ष4 वर्ष
प्रशिक्षण का उद्देश्यसामान्य छात्रों को शिक्षा देनादिव्यांग बच्चों को शिक्षा देना
आयोजनएनसीटीई द्वाराआरसीआई द्वारा
पात्रतास्नातक डिग्रीस्नातक डिग्री
नौकरी के अवसरसरकारी और निजी स्कूलों में शिक्षकविशेष शिक्षा संस्थानों में शिक्षक
विषयविभिन्न विषयों में उपलब्धविभिन्न विषयों में उपलब्ध, विशेष प्रशिक्षण के साथ

स्पेशल बी.एड के फायदे

स्पेशल बी.एड कोर्स करने के कई फायदे हैं:

  • विशेष प्रशिक्षण: इस कोर्स में आपको विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि आप दिव्यांग बच्चों को शिक्षा दे सकें।
  • नौकरी के अवसर: आप विशेष शिक्षा संस्थानों में शिक्षक के रूप में काम कर सकते हैं।
  • सामाजिक योगदान: आप दिव्यांग बच्चों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
  • व्यक्तिगत विकास: इस कोर्स के माध्यम से आपको व्यक्तिगत रूप से भी विकसित होने का अवसर मिलता है।

स्पेशल बी.एड के लिए पात्रता मानदंड

स्पेशल बी.एड कोर्स करने के लिए आपको निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा:

  • शैक्षिक योग्यता: आपको किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री प्राप्त होनी चाहिए।
  • न्यूनतम अंक: स्नातक में कम से कम 50% अंक होने चाहिए।
  • विषय: आप किसी भी विषय में स्नातक कर सकते हैं, जैसे कि विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, या मानविकी।

स्पेशल बी.एड के लिए आवेदन प्रक्रिया

स्पेशल बी.एड कोर्स में आवेदन करने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:

  • प्रवेश परीक्षा: कई संस्थानों में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है।
  • आवेदन पत्र: आपको संबंधित संस्थान की वेबसाइट से आवेदन पत्र भरना होगा।
  • दस्तावेज़ जमा करना: आवश्यक दस्तावेज़ जैसे कि स्नातक की मार्कशीट और प्रमाण पत्र जमा करने होंगे।

स्पेशल बी.एड के बाद करियर विकल्प

स्पेशल बी.एड कोर्स करने के बाद आपके पास कई करियर विकल्प होते हैं:

  • विशेष शिक्षा संस्थानों में शिक्षक: आप विशेष शिक्षा संस्थानों में शिक्षक के रूप में काम कर सकते हैं।
  • एनजीओ में काम: आप एनजीओ में दिव्यांग बच्चों के लिए काम कर सकते हैं।
  • शोध और विकास: आप दिव्यांग शिक्षा के क्षेत्र में शोध और विकास का काम कर सकते हैं।

निष्कर्ष

स्पेशल बी.एड एक महत्वपूर्ण कोर्स है जो दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रदान करता है। इस कोर्स के माध्यम से आप न केवल शिक्षक बन सकते हैं, बल्कि सामाजिक रूप से भी योगदान कर सकते हैं। यदि आप शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं और दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में रुचि रखते हैं, तो स्पेशल बी.एड आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

Disclaimer: यह लेख शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसमें दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान के आधार पर है। स्पेशल बी.एड और बी.एड दोनों ही वास्तविक और मान्यता प्राप्त कोर्स हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने में मदद करते हैं।

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