EPS-95 पेंशन में बढ़ोतरी पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, लोकसभा में क्या हुआ सवाल, जानें पूरी खबर

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कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employees’ Pension Scheme 1995), जिसे EPS-95 के नाम से भी जाना जाता है, भारत में संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है। यह योजना कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्रदान करती है, जिससे उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिलती है। हाल ही में, इस योजना से जुड़े कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट का एक महत्वपूर्ण फैसला और लोकसभा में उठाए गए कुछ सवाल शामिल हैं। इन घटनाक्रमों ने EPS-95 के भविष्य और इसके लाभार्थियों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चर्चाओं को जन्म दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2022 में EPS-95 के तहत उच्च पेंशन के विकल्प को बरकरार रखा, जिससे कर्मचारियों को उनके वास्तविक वेतन के 8.33% तक योगदान करने की अनुमति मिली, जबकि पहले यह सीमा 15,000 रुपये प्रति माह तक सीमित थी। इस फैसले के बाद, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने के लिए एक विंडो खोली, जिसके तहत 17.49 लाख आवेदन प्राप्त हुए। हालांकि, EPFO ने अभी तक सभी आवेदनों का निपटारा नहीं किया है, और कई आवेदन अभी भी लंबित हैं।

इस बीच, लोकसभा में भी EPS-95 से संबंधित कुछ सवाल उठाए गए हैं। सांसदों ने सरकार से योजना के तहत न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाने और इसे 7,500 रुपये प्रति माह करने की मांग की है। वर्तमान में, EPS-95 के तहत न्यूनतम पेंशन राशि केवल 1,000 रुपये प्रति माह है, जिसे कई पेंशनभोगियों ने अपर्याप्त बताया है। सरकार ने अभी तक इस मांग पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है, लेकिन उसने कहा है कि वह इस मामले पर विचार कर रही है।

EPS-95: मुख्य बातें

पहलूविवरण
योजना का नामकर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employees’ Pension Scheme 1995)
संचालनकर्ताकर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)
उद्देश्यसंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्रदान करना
न्यूनतम पेंशन राशि1,000 रुपये प्रति माह
सुप्रीम कोर्ट का फैसलाउच्च पेंशन के विकल्प को बरकरार रखा
लोकसभा में मांगन्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह करने की मांग
लाभार्थीसंगठित क्षेत्र के कर्मचारी
योगदानकर्मचारी के वेतन का 8.33% (नियमों के अनुसार)

उच्च पेंशन का विकल्प: सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नवंबर 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने EPS-95 के तहत उच्च पेंशन के विकल्प को बरकरार रखते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। इस फैसले के अनुसार, जो कर्मचारी 1 सितंबर, 2014 तक EPS के सदस्य थे, उन्हें अपने वास्तविक वेतन के 8.33% तक पेंशन में योगदान करने का विकल्प दिया गया। पहले, यह योगदान 15,000 रुपये प्रति माह की वेतन सीमा पर आधारित था।

इस फैसले का मतलब है कि अब कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति के बाद अधिक पेंशन प्राप्त कर सकते हैं, खासकर वे जो उच्च वेतन प्राप्त कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उन कर्मचारियों को लाभ होगा जो अपनी सेवानिवृत्ति के बाद अधिक आर्थिक सुरक्षा चाहते हैं।

EPFO की कार्रवाई और लंबित आवेदन

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने के लिए एक विंडो खोली। EPFO को इस विंडो के माध्यम से 17.49 लाख आवेदन प्राप्त हुए। हालांकि, EPFO ने अभी तक सभी आवेदनों का निपटारा नहीं किया है।

  • EPFO के अनुसार, 16,282 पेंशन भुगतान आदेश जारी किए गए हैं।
  • 2.6 लाख आवेदन खारिज कर दिए गए हैं।
  • 6 लाख से अधिक आवेदन अभी भी EPFO के फील्ड कार्यालयों में जांच के अधीन हैं।

EPFO का कहना है कि वह अगले तीन महीनों में सभी आवेदनों का निपटारा करने का लक्ष्य बना रहा है। इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए, EPFO सेवानिवृत्त अधिकारियों को काम पर रखने पर विचार कर रहा है।

लोकसभा में सवाल: न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग

हाल ही में, लोकसभा में EPS-95 से संबंधित कुछ सवाल उठाए गए हैं। सांसदों ने सरकार से योजना के तहत न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाने की मांग की है। वर्तमान में, EPS-95 के तहत न्यूनतम पेंशन राशि केवल 1,000 रुपये प्रति माह है, जिसे कई पेंशनभोगियों ने अपर्याप्त बताया है।

सांसदों ने सरकार से न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह करने की मांग की है। उनका तर्क है कि 1,000 रुपये की पेंशन आज की महंगाई में पर्याप्त नहीं है और पेंशनभोगियों को अपना जीवन यापन करने में कठिनाई हो रही है।

सरकार का रुख

सरकार ने अभी तक इस मांग पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है, लेकिन उसने कहा है कि वह इस मामले पर विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि उसे श्रम संघों सहित विभिन्न हितधारकों से EPS की न्यूनतम पेंशन राशि में वृद्धि के लिए अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं।

सरकार का कहना है कि EPS-95 एक “परिभाषित अंशदान-परिभाषित लाभ” सामाजिक सुरक्षा योजना है। इस योजना के तहत, कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही योगदान करते हैं। सरकार ने कहा है कि वह EPS के तहत पेंशन बढ़ाने के प्रस्तावों का मूल्यांकन कर रही है, लेकिन उसे योजना की वित्तीय स्थिरता को भी ध्यान में रखना होगा।

पेंशनभोगियों की दुर्दशा

EPS-95 के तहत पेंशनभोगियों की स्थिति दयनीय है। वर्तमान में, 36.60 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को 1,000 रुपये से भी कम पेंशन मिल रही है। यह राशि इतनी कम है कि पेंशनभोगियों को अपना जीवन यापन करने में कठिनाई हो रही है।

पेंशनभोगियों का कहना है कि सरकार को उनकी दुर्दशा पर ध्यान देना चाहिए और न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह करना चाहिए। उनका कहना है कि यह राशि उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करेगी।

आगे की राह

EPS-95 भारत में संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है। हालांकि, इस योजना में कुछ कमियां हैं, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है। सरकार को EPS के तहत न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाने और योजना की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, EPFO को उच्च पेंशन के लिए प्राप्त सभी आवेदनों का जल्द से जल्द निपटारा करना चाहिए। EPFO को पेंशनभोगियों को समय पर पेंशन का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाने चाहिए।

EPS-95: एक नजर में

  • यह योजना संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्रदान करती है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने उच्च पेंशन के विकल्प को बरकरार रखा है।
  • लोकसभा में न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाने की मांग की गई है।
  • सरकार इस मामले पर विचार कर रही है।
  • पेंशनभोगियों की स्थिति दयनीय है।
  • सरकार को योजना की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

क्या EPS-95 के तहत न्यूनतम पेंशन बढ़ाई जाएगी?

यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब अभी तक नहीं मिला है। सरकार इस मामले पर विचार कर रही है, लेकिन उसने अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। यह देखना होगा कि सरकार EPS के तहत न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाती है।

EPS-95 के बारे में नवीनतम समाचार

  • EPFO ने उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है।
  • सरकार EPS के तहत पेंशन बढ़ाने के प्रस्तावों का मूल्यांकन कर रही है।
  • पेंशनभोगियों ने न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है।

निष्कर्ष

कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) भारत में संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले और लोकसभा में उठाए गए सवालों ने इस योजना के भविष्य को लेकर चर्चाओं को जन्म दिया है। सरकार को EPS के तहत न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाने और योजना की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

Disclaimer: इस योजना के बारे में वास्तविकता यह है कि यह एक जटिल विषय है और इसके बारे में कई अलग-अलग राय हैं। इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है और इसे पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

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