भारत सरकार दिव्यांगजनों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि दिव्यांगजनों को समाज में समान अवसर मिलने चाहिए और वे सम्मान के साथ जीवन जी सकें।
इसी दिशा में सरकार ने कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनका उद्देश्य दिव्यांगजनों को सशक्त बनाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है। 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने दिव्यांगजनों के साहस और उपलब्धियों को नमन किया और उनके सशक्तिकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि दिव्यांगजन देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं, और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करना सरकार का कर्तव्य है। उन्होंने ‘विकलांग‘ शब्द के स्थान पर ‘दिव्यांग’ शब्द का प्रयोग करने का फैसला किया, ताकि समाज में दिव्यांगजनों की गरिमा बढ़ाई जा सके।
सरकार ने दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए खर्च होने वाली राशि को भी कई गुना बढ़ाया है, ताकि उन्हें बेहतर शिक्षा, रोजगार और अन्य सुविधाएं मिल सकें।
दिव्यांगजनों के लिए सरकारी पहलें
पहल का नाम | विवरण |
सुगम्य भारत अभियान (Accessible India Campaign) | इस अभियान का उद्देश्य दिव्यांगजनों के लिए सार्वजनिक स्थानों, परिवहन और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी को सुलभ बनाना है। |
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 | यह अधिनियम दिव्यांगजनों को समानता, गैर-भेदभाव और सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार प्रदान करता है। |
राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान | यह संस्थान दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा, प्रशिक्षण और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करता है। |
दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं | सरकार दिव्यांग छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करती है। |
रोजगार में आरक्षण | सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण का प्रावधान है। |
स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता | सरकार दिव्यांगजनों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। |
कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण | सरकार दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग और अन्य सहायक उपकरण मुफ्त में या रियायती दरों पर उपलब्ध कराती है। |
दिव्यांगजनों के लिए बाधा रहित वातावरण
सुगम्य भारत अभियान, जिसे Accessible India Campaign के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों के लिए सभी सार्वजनिक स्थलों, परिवहन साधनों और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों को सुलभ बनाना है।
इस अभियान के तहत, इमारतों, सड़कों, परिवहन वाहनों और वेबसाइटों को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया जा रहा है, ताकि वे बिना किसी बाधा के इन सुविधाओं का उपयोग कर सकें।
सुगम्य भारत अभियान के तीन मुख्य घटक हैं:
- सुलभ वातावरण: इसके तहत सार्वजनिक इमारतों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य संस्थानों को दिव्यांगजनों के लिए सुलभ बनाया जा रहा है। इसमें रैंप, लिफ्ट, ब्रेल लिपि में साइनेज और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
- सुलभ परिवहन: इसके तहत बसों, ट्रेनों, हवाई जहाजों और अन्य परिवहन साधनों को दिव्यांगजनों के लिए सुलभ बनाया जा रहा है। इसमें व्हीलचेयर के लिए जगह, विशेष सीटें और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
- सुलभ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी: इसके तहत वेबसाइटों, मोबाइल ऐप्स और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों को दिव्यांगजनों के लिए सुलभ बनाया जा रहा है। इसमें स्क्रीन रीडर, वॉयस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर और अन्य सहायक तकनीकें शामिल हैं।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016: समानता और सम्मान का अधिकार
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 भारत में दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा करने वाला एक महत्वपूर्ण कानून है। यह अधिनियम दिव्यांगजनों को समानता, गैर-भेदभाव और सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार प्रदान करता है। इस अधिनियम के तहत, सरकार दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम की मुख्य विशेषताएं:
- यह अधिनियम दिव्यांगजनों को कानूनी रूप से मान्यता देता है और उन्हें नागरिकता के सभी अधिकार प्रदान करता है।
- यह अधिनियम दिव्यांगजनों के साथ भेदभाव को गैरकानूनी घोषित करता है और उन्हें समान अवसर प्रदान करने के लिए सरकार को बाध्य करता है।
- यह अधिनियम दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में विशेष प्रावधान करता है।
- यह अधिनियम दिव्यांगजनों के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करता है, ताकि वे अपने अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकें।
दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर
भारत सरकार दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है। सरकार दिव्यांग छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करती है और उनके लिए स्कूलों और कॉलेजों में विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराती है।
इसके अलावा, सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण का प्रावधान है, ताकि उन्हें रोजगार के समान अवसर मिल सकें।
सरकार दिव्यांगजनों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है। राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त और विकास निगम (National Handicapped Finance and Development Corporation) दिव्यांगदिव्यांगजनों को स्वरोजगार के लिए ऋण प्रदान करता है। इसके अलावा, सरकार दिव्यांगजनों को कौशल विकास प्रशिक्षण भी प्रदान करती है, ताकि वे बेहतर रोजगार प्राप्त कर सकें।
अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस
अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस हर साल 3 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन दिव्यांगजनों के अधिकारों और कल्याण के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए मनाया जाता है।
इस दिन, सरकार और विभिन्न संगठन दिव्यांगजनों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जिनमें जागरूकता रैलियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेल प्रतियोगिताएं शामिल हैं।
अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस दिव्यांगजनों के सम्मान और समर्थन का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि दिव्यांगजन भी हमारे समाज का एक अभिन्न हिस्सा हैं और उन्हें समान अवसर और सम्मान मिलना चाहिए।
निष्कर्ष
भारत सरकार दिव्यंगजनों के जीवन को बेहतर बनाने हेतु प्रतिबद्धता दिखाई रही है। सरकार ने कई योजनाएं एवं कार्यक्रम शुरू किए हैं जिनका उद्देश्य दीव्यागंजनो को सशक्त बनाना एवं उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना हो रहा हैं। हालांकि अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी हैं।
हमें दीव्यागंजनो प्रति समाज की दृष्टिकोण बदलने एवं उन्हें समान अवसर एवं सम्मान प्रदान करने की आवश्यकता हैं तभी हम एक समावेशी एवं न्यायपूर्ण समाज का निर्माण कर सकेंगे।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्र की गई हैं एवं यह केवल सामान्य जानकारी हेतु हैं। सरकार की नीतियों एवं योजनाओं में बदलाव हो सकते हैं इसलिए नवीनतम जानकारी हेतु आधिकारिक स्रोतों से संपर्क करें।