Old Pension Scheme: सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। केंद्र सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इस घोषणा से लाखों सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। पिछले कुछ समय से कर्मचारी संगठन OPS की बहाली की मांग कर रहे थे। अब सरकार ने इस मांग पर सकारात्मक रुख अपनाया है।
यह फैसला सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। OPS के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अपनी आखिरी सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलता है। इससे उन्हें बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा मिलती है। नई पेंशन स्कीम (NPS) की तुलना में OPS कर्मचारियों के लिए ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है।
ओल्ड पेंशन स्कीम क्या है?
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) सरकारी कर्मचारियों के लिए एक पेंशन योजना है। इसके तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनकी आखिरी सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलता है। यह पेंशन उनके जीवन भर मिलती रहती है। OPS में कर्मचारियों को अपनी सैलरी से कोई योगदान नहीं करना पड़ता है। पूरी पेंशन का खर्च सरकार उठाती है।
OPS की मुख्य विशेषताएं:
विशेषता | विवरण |
पेंशन राशि | आखिरी सैलरी का 50% |
कर्मचारी का योगदान | कोई योगदान नहीं |
पेंशन का भुगतान | आजीवन |
महंगाई भत्ता | पेंशन पर DA मिलता है |
परिवार पेंशन | कर्मचारी की मृत्यु पर परिवार को मिलती है |
ग्रेच्युटी | 20 लाख रुपये तक |
कमुटेशन | पेंशन का 40% तक |
सरकार का नया ऐलान
केंद्र सरकार ने हाल ही में एक नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की है। यह स्कीम OPS और NPS का मिश्रण है। UPS के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं:
- कर्मचारियों को आखिरी सैलरी का 50% पेंशन गारंटीड
- न्यूनतम 25 साल की सेवा पर पूरी पेंशन
- 10 साल की सेवा पर न्यूनतम 10,000 रुपये मासिक पेंशन
- परिवार को कर्मचारी की पेंशन का 60% मिलेगा
- पेंशन पर महंगाई भत्ता मिलेगा
- कर्मचारी का योगदान 10% और सरकार का 18.5% होगा
OPS और UPS में अंतर
OPS और नई UPS में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं:
- OPS पूरी तरह से अनफंडेड थी, जबकि UPS फंडेड स्कीम है
- OPS में कर्मचारी का कोई योगदान नहीं था, UPS में 10% योगदान होगा
- UPS में सरकार का योगदान 18.5% होगा, जो OPS से अधिक है
- UPS में न्यूनतम पेंशन का प्रावधान है, जो OPS में नहीं था
- UPS में रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि मिलेगी, जो OPS में नहीं थी
कर्मचारियों पर प्रभाव
नई UPS से कर्मचारियों को निम्नलिखित फायदे होंगे:
- गारंटीड पेंशन मिलेगी, जो NPS में नहीं थी
- पेंशन राशि OPS के बराबर होगी
- महंगाई भत्ता मिलने से पेंशन में बढ़ोतरी होगी
- परिवार पेंशन का लाभ मिलेगा
- रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि मिलेगी
हालांकि कर्मचारियों को अपनी सैलरी से 10% योगदान करना होगा, जो OPS में नहीं था।
राज्य सरकारों का रुख
कई राज्य सरकारों ने पहले ही OPS को बहाल करने की घोषणा की है:
- राजस्थान
- छत्तीसगढ़
- झारखंड
- पंजाब
- हिमाचल प्रदेश
अब केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अन्य राज्य भी OPS या UPS को अपना सकते हैं।
विशेषज्ञों की राय
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि OPS की पूरी बहाली सरकार पर बड़ा आर्थिक बोझ डाल सकती है। UPS एक बेहतर विकल्प है क्योंकि:
- यह फंडेड स्कीम है, जिससे भविष्य में वित्तीय बोझ कम होगा
- कर्मचारियों और सरकार दोनों का योगदान होने से फंड मजबूत होगा
- गारंटीड पेंशन से कर्मचारियों को सुरक्षा मिलेगी
- सरकार पर तत्काल बोझ नहीं पड़ेगा
आगे की राह
सरकार ने घोषणा की है कि UPS 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस बीच:
- मौजूदा NPS कर्मचारियों को UPS में शिफ्ट होने का विकल्प दिया जाएगा
- नए नियम और प्रक्रियाएं तैयार की जाएंगी
- राज्य सरकारों को भी UPS अपनाने का प्रस्ताव दिया जाएगा
- कर्मचारी संगठनों से चर्चा की जाएगी
निष्कर्ष
सरकार का यह फैसला कर्मचारियों और सरकार दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी और सरकार पर दीर्घकालिक बोझ भी कम होगा। हालांकि इसके सफल क्रियान्वयन के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनानी होगी।
अस्वीकरण: यह लेख सरकार द्वारा की गई घोषणाओं पर आधारित है। UPS के सभी नियम और प्रावधान अभी अंतिम रूप से तय नहीं हुए हैं। इसलिए कुछ विवरण बदल सकते हैं। कर्मचारियों को सरकार द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचनाओं का इंतजार करना चाहिए।