SBI FD Scheme 2025: FD पर मिलने वाला रिटर्न घटा, 8.40% से अब सिर्फ 7.75%

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फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) निवेशकों के लिए हाल ही में एक बड़ी खबर आई है, जो उनके लिए चिंता का विषय बन सकती है। देश के कई बड़े बैंकों ने अपनी FD पर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती की है। खासकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कमी के बाद बैंकों ने ब्याज दरों को कम करना शुरू कर दिया है। इससे FD निवेशकों को मिलने वाला रिटर्न घट सकता है।

FD को सुरक्षित निवेश माना जाता है, इसलिए लाखों लोग इसे अपनी बचत का हिस्सा बनाते हैं। लेकिन अब ब्याज दरों में कमी से निवेशकों को कम लाभ मिलेगा। इस लेख में हम जानेंगे कि किस बैंक ने कितनी ब्याज दर घटाई है, नई दरें क्या हैं, RBI के नए नियम और FD निवेशकों को क्या सावधानियां रखनी चाहिए।

SBI FD Scheme 2025

हाल ही में केनरा बैंक, येस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक जैसे कई बड़े बैंकों ने FD पर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती की है। RBI ने रेपो रेट में लगातार दूसरी बार 0.25% की कटौती की है, जिससे बैंकों को लोन सस्ता करना पड़ा लेकिन FD पर ब्याज दरें घटानी पड़ीं।

बड़ी बैंकें अब FD पर 4% से 7.25% तक ब्याज दे रही हैं, जबकि वरिष्ठ नागरिकों को 4% से 7.75% तक ब्याज मिल रहा है। येस बैंक ने 12 महीने से 24 महीने तक की FD पर ब्याज दर 8% से घटाकर 7.75% कर दी है। केनरा बैंक ने भी 3 करोड़ रुपये से कम राशि की FD पर 0.20% तक ब्याज दर घटाई है।

FD ब्याज दरों में हालिया कटौती का सारांश

बैंक का नामनई ब्याज दर (सामान्य)नई ब्याज दर (वरिष्ठ नागरिक)कटौती का प्रतिशत (लगभग)
केनरा बैंक4.00% से 7.25%4.00% से 7.75%0.20% तक
येस बैंक3.25% से 7.75%3.25% से 8.00% (पहले)0.25%
कोटक महिंद्रा बैंकघटाई गईघटाई गईलगभग 0.20%-0.25%
शिवालिक स्मॉल फाइनेंसघटाई गईघटाई गईलगभग 0.20%-0.30%

FD की नई ब्याज दरें

अवधिसामान्य ब्याज दर (%)वरिष्ठ नागरिक ब्याज दर (%)
7 दिन से 45 दिन तक4.004.00
46 दिन से 90 दिन तक5.255.25
91 दिन से 179 दिन तक5.505.50
180 दिन से 269 दिन तक6.156.65
270 दिन से 1 वर्ष से कम6.256.75
1 वर्ष6.857.35
444 दिन7.257.75
1 वर्ष से 2 वर्ष से कम6.857.35
2 वर्ष से 3 वर्ष से कम7.157.65
3 वर्ष से 5 वर्ष से कम7.207.70
5 वर्ष से 10 वर्ष तक6.707.20

RBI के नए FD नियम और उनका असर

RBI ने 2025 के लिए FD से जुड़े नए नियम जारी किए हैं, जिसमें ब्याज दरों में बदलाव, TDS सीमा में वृद्धि और FD मैच्योरिटी पर नई शर्तें शामिल हैं।

  • TDS सीमा बढ़ाई गई है: सामान्य निवेशकों के लिए ₹40,000 से बढ़ाकर ₹50,000 और वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दी गई है।
  • यदि FD पर ब्याज आय इन सीमाओं से अधिक है, तो TDS 10% (PAN होने पर) या 20% (PAN न होने पर) कटेगा।
  • ₹10 लाख से अधिक FD जमा करने पर बैंक को SFT रिपोर्टिंग करनी होगी, जिससे टैक्स विभाग को जानकारी मिलेगी।
  • FD की जल्दी निकासी पर पेनल्टी कम की गई है, जिससे निवेशकों को सुविधा मिलेगी।

FD निवेशकों के लिए जरूरी बातें

  • रेपो रेट में कटौती के बाद FD पर मिलने वाली ब्याज दरें कम हो सकती हैं, इसलिए निवेशकों को लंबी अवधि के लिए FD करना चाहिए ताकि वर्तमान ब्याज दर का लाभ मिल सके।
  • क्यूमुलेटिव FD में निवेश करने से कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है, जिससे रिटर्न बढ़ता है।
  • यदि जोखिम उठा सकते हैं तो डेब्ट म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना बेहतर विकल्प हो सकता है।
  • फॉर्म 15G/15H सही तरीके से भरें ताकि TDS से बचा जा सके।
  • FD पर मिलने वाले ब्याज को अपनी आय में शामिल करना जरूरी है, अन्यथा इनकम टैक्स नोटिस आ सकता है।

सावधानियां

  • FD पर ब्याज दरों में कटौती से रिटर्न कम होगा, इसलिए निवेश की योजना को अपडेट करें।
  • छोटे फाइनेंस बैंक अभी भी 9% तक की ब्याज दर दे रहे हैं, लेकिन इनके जोखिम को समझकर ही निवेश करें।
  • FD में निवेश करते समय बैंक की विश्वसनीयता और ब्याज दर दोनों को ध्यान में रखें।
  • लंबी अवधि की FD में निवेश करें, ताकि ब्याज दरों में भविष्य में होने वाली कटौती से बचा जा सके।

निष्कर्ष

बड़ी बैंकों द्वारा FD पर ब्याज दरों में कटौती FD निवेशकों के लिए बुरी खबर है। RBI के रेपो रेट में कमी के चलते यह कदम उठाया गया है। हालांकि, FD अभी भी सुरक्षित निवेश का विकल्प है, लेकिन निवेशकों को ब्याज दरों में कमी के कारण अपनी निवेश रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। वरिष्ठ नागरिकों के लिए अभी भी कुछ विशेष ब्याज दरें उपलब्ध हैं। छोटे फाइनेंस बैंक बेहतर ब्याज दर दे रहे हैं, लेकिन जोखिम को समझकर ही निवेश करें।

डिस्क्लेमर

यह जानकारी उपलब्ध स्रोतों और बाजार की वर्तमान स्थिति के आधार पर दी गई है। ब्याज दरें बैंक और समय के अनुसार बदल सकती हैं। निवेश से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना उचित होगा। FD निवेश सुरक्षित माना जाता है, लेकिन ब्याज दरों में बदलाव से रिटर्न प्रभावित हो सकता है। निवेशक अपनी जरूरत और जोखिम क्षमता के अनुसार निर्णय लें।

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