Senior Citizens Savings Scheme: 5 साल में ₹30 लाख निवेश पर ₹12 लाख तक ब्याज कमाएं – SCSS स्कीम के फायदे जानें

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भारत में सीनियर सिटीजन्स के लिए सुरक्षित निवेश और नियमित आय का सबसे भरोसेमंद विकल्प सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) है।

यह सरकारी योजना 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को 8.2% सालाना ब्याज देती है। अगर आप 30 लाख रुपये तक निवेश करते हैं, तो 5 साल में 12.3 लाख रुपये से ज्यादा सिर्फ ब्याज से कमा सकते हैं।

इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पूरी तरह सुरक्षित है और इसमें कोई मार्केट रिस्क नहीं होता। ब्याज हर तीन महीने में मिलता है, जो पेंशन की तरह काम आता है।

साथ ही, टैक्स बेनिफिट के तहत निवेश पर सेक्शन 80C में छूट मिलती है। अगर आप रिटायरमेंट के बाद स्टेबल इनकम चाहते हैं, तो यह स्कीम आपके लिए परफेक्ट है।

Senior Citizens Savings Scheme

फीचरडिटेल्स
स्कीम का नामसीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS)
ब्याज दर (2025)8.2% सालाना (हर तीन महीने में ब्याज मिलता है)
निवेश सीमान्यूनतम: ₹1,000, अधिकतम: ₹30 लाख
पात्रता60 साल या उससे अधिक उम्र / VRS या सुपरएन्युइटी पर 55-59 साल के रिटायर्ड लोग
टेन्योर5 साल (3 साल का एक्सटेंशन ऑप्शन)
टैक्स बेनिफिटसेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख तक छूट
ब्याज भुगतानतिमाही (अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर, जनवरी)
जगहपोस्ट ऑफिस, SBI, HDFC, ICICI जैसे बैंक्स

SCSS में कौन निवेश कर सकता है?

  • 60 साल या उससे अधिक उम्र के सीनियर सिटीजन्स।
  • 55-59 साल के लोग जो VRS या सुपरएन्युइटी पर रिटायर हुए हों।
  • 50 साल या अधिक उम्र के रिटायर्ड डिफेंस पर्सनल।
  • NRIs और HUFs इस स्कीम में निवेश नहीं कर सकते।

SCSS में कितना निवेश कर सकते हैं?

  • न्यूनतम निवेश: ₹1,000 (₹1,000 के गुणज में)।
  • अधिकतम निवेश: ₹30 लाख (एक या एक से ज्यादा अकाउंट्स में, लेकिन कुल निवेश ₹30 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए)।
  • उदाहरण: अगर आप ₹30 लाख निवेश करते हैं, तो हर साल ₹2.46 लाख ब्याज मिलेगा (₹30 लाख × 8.2%)। 5 साल में कुल ब्याज होगा ₹12.3 लाख।

SCSS में ब्याज कैसे और कब मिलता है?

  • ब्याज भुगतान: हर 3 महीने में (अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर, जनवरी)।
  • कैलकुलेशन: ₹30 लाख निवेश पर हर तिमाही ₹61,500 मिलेंगे।
  • टैक्स: ब्याज आपकी इनकम में जुड़ता है और आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। अगर सालाना ब्याज ₹50,000 से ज्यादा हो, तो 10% TDS काटा जाता है।

SCSS के टैक्स फायदे

  • सेक्शन 80C: निवेश की गई रकम पर ₹1.5 लाख तक टैक्स छूट।
  • ब्याज पर टैक्स: ब्याज इनकम टैक्सेबल है, लेकिन अगर टोटल इनकम टैक्स थ्रेशोल्ड से कम है, तो फॉर्म 15H जमा करके TDS बचा सकते हैं।
  • मैच्योरिटी अमाउंट: 5 साल बाद मिलने वाली रकम पर कोई टैक्स नहीं।

SCSS अकाउंट कैसे खोलें?

  1. नजदीकी पोस्ट ऑफिस या बैंक में जाएं।
  2. फॉर्म A भरें और जरूरी डॉक्यूमेंट्स जमा करें:
    • पैन कार्ड
    • आधार कार्ड
    • उम्र का प्रूफ (रिटायरमेंट प्रूफ अगर 55-59 साल के हैं)
  3. निवेश की रकम जमा करें (चेक, कैश या ऑनलाइन ट्रांसफर)।
  4. अकाउंट खुलने के बाद पासबुक और ब्याज डिटेल्स प्राप्त करें।

प्रीमैच्योर विद्ड्रॉल और पेनाल्टी

  • एक साल बाद अकाउंट बंद कर सकते हैं।
  • 2 साल से पहले बंद करने पर: जमा रकम का 1.5% पेनाल्टी।
  • 2 साल के बाद बंद करने पर: 1% पेनाल्टी।
  • 5 साल बाद एक्सटेंड करने पर कोई पेनाल्टी नहीं।

असली जिंदगी का उदाहरण

मिस्टर शर्मा, जो 62 साल के रिटायर्ड टीचर हैं, ने SCSS में ₹30 लाख निवेश किए। हर तीन महीने उन्हें ₹61,500 मिलते हैं, जिससे उनका घर का खर्च, मेडिकल बिल और बिजली का बिल आसानी से निकल जाता है। 5 साल में उन्होंने ₹12.3 लाख सिर्फ ब्याज से कमाए, जबकि उनका मूलधन पूरा सुरक्षित रहा।

SCSS के लिए जरूरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड (मूल और फोटोकॉपी)।
  • पैन कार्ड।
  • पासपोर्ट साइज फोटो (2 कॉपी)।
  • एज प्रूफ (रिटायरमेंट ऑर्डर अगर 55-59 साल के हैं)।
  • चेक/डिमांड ड्राफ्ट (निवेश राशि के लिए)।

SCSS के अलावा सीनियर सिटीजन्स के लिए अन्य विकल्प

  1. पीएम वय वंदना योजना (PMVVY): 7.4% ब्याज, ₹15 लाख तक निवेश।
  2. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (MIS): 7.4% ब्याज, मासिक आय।
  3. सीनियर सिटीजन FD: SBI और अन्य बैंक 7.5-8% ब्याज देते हैं।
  4. म्यूचुअल फंड्स: डेट फंड्स से 8-9% रिटर्न, लेकिन रिस्क ज्यादा।

निष्कर्ष

SCSS भारत में सीनियर सिटीजन्स के लिए सबसे सुरक्षित और हाई-इनकम देने वाली योजना है। अगर आप ₹30 लाख निवेश करते हैं, तो ₹12.3 लाख से ज्यादा सिर्फ ब्याज से कमा सकते हैं। हालांकि, इसमें लिक्विडिटी और टैक्स के मुद्दे हैं, इसलिए FD या म्यूचुअल फंड्स के साथ पोर्टफोलियो बैलेंस करें।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है। SCSS में ब्याज दरें समय-समय पर बदलती रहती हैं, और निवेश से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।

यह योजना वास्तविक है और भारत सरकार द्वारा चलाई जाती है, लेकिन ₹12 लाख कमाने के लिए ₹30 लाख निवेश करना पड़ता है, जो सभी के लिए संभव नहीं हो सकता।

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