Indian Railways ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेन किराए में छूट को मार्च 2020 में समाप्त कर दिया था। यह निर्णय तब लिया गया जब देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। इससे पहले, महिला वरिष्ठ नागरिकों को 50% और पुरुष एवं ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40% की छूट दी जाती थी।
इस निर्णय के बाद, वरिष्ठ नागरिकों को अब अन्य यात्रियों के समान पूरा किराया चुकाना पड़ता है। इस लेख में हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे कि क्या भारतीय रेलवे वरिष्ठ नागरिकों के लिए फिर से किराए में छूट शुरू करेगा।
वरिष्ठ नागरिक रेलवे छूट का अर्थ
वरिष्ठ नागरिक रेलवे छूट एक ऐसी योजना थी, जिसके अंतर्गत भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न श्रेणियों की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा करने पर किराए में छूट प्रदान की थी। यह छूट पुरुषों के लिए 40% और महिलाओं के लिए 50% थी।
इस योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा करने में सुविधा और आर्थिक सहायता प्रदान करना था।
योजना का संक्षिप्त विवरण
विशेषताएँ | विवरण |
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योजना का नाम | वरिष्ठ नागरिक रेलवे छूट |
छूट प्रतिशत (महिलाएं) | 50% |
छूट प्रतिशत (पुरुष) | 40% |
आयु सीमा (महिलाएं) | 58 वर्ष और ऊपर |
आयु सीमा (पुरुष) | 60 वर्ष और ऊपर |
आरंभ तिथि | पहले से लागू |
समाप्ति तिथि | मार्च 2020 |
नवीनतम स्थिति | पुनः शुरू होने की संभावना |
आर्थिक प्रभाव
वरिष्ठ नागरिकों से किराए में छूट हटाने का निर्णय भारतीय रेलवे के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी साबित हुआ है। रिपोर्टों के अनुसार, इस निर्णय से रेलवे को पिछले चार वर्षों में ₹5,800 करोड़ से अधिक की अतिरिक्त आय हुई है।
क्या सरकार फिर से छूट बहाल करेगी?
सरकार द्वारा फिर से वरिष्ठ नागरिकों के लिए किराए में छूट बहाल करने की संभावनाएँ बढ़ रही हैं। आगामी बजट 2024-25 की तैयारी के दौरान यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। कई सांसदों और सामाजिक संगठनों ने इस विषय पर सरकार से अपील की है कि वे इस छूट को पुनः लागू करें।
सरकार का दृष्टिकोण
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सरकार पहले ही सभी यात्रियों के लिए 55% की छूट प्रदान कर रही है। हालांकि, कई सांसदों ने इस बात पर जोर दिया है कि विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
प्रमुख मांगें
- छूट का पुनः लागू होना: कई सांसदों ने मांग की है कि कम से कम स्लीपर क्लास और थर्ड एसी में वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट बहाल की जाए।
- सामाजिक जिम्मेदारी: यह मुद्दा केवल वित्तीय नहीं बल्कि समाजिक जिम्मेदारी का भी है, जिसमें सरकार की प्राथमिकताओं का पता चलता है।
निष्कर्ष
वरिष्ठ नागरिक रेलवे छूट का मुद्दा न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह सामाजिक न्याय और समानता का भी प्रतीक है। सरकार को इस दिशा में विचार करना चाहिए ताकि वरिष्ठ नागरिक अपनी यात्रा को अधिक सुलभ और किफायती बना सकें।
आगामी बजट में इस विषय पर निर्णय लेना एक महत्वपूर्ण कदम होगा जो लाखों वरिष्ठ नागरिकों के जीवन पर प्रभाव डालेगा।