विकलांगों के लिए नए नियम जारी! अब UDID कार्ड और विकलांग प्रमाण पत्र में हुआ बदलाव UDID Card New Rules

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UDID Card New Rules: भारत सरकार ने हाल ही में विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों (Rights of Persons with Disabilities) के नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। ये नए नियम विकलांग प्रमाण पत्र और यूनिक डिसएबिलिटी आइडेंटिटी (UDID) कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से लाए गए हैं। इन बदलावों का मुख्य लक्ष्य विकलांग व्यक्तियों के लिए सरकारी सेवाओं और सुविधाओं तक पहुंच को आसान बनाना है।

नए नियमों के तहत, UDID कार्ड अब विकलांगता के स्तर के आधार पर रंग-कोडित किए जाएंगे। इसके अलावा, आवेदन प्रक्रिया को डिजिटल बनाया गया है और प्रमाण पत्र जारी करने की समय सीमा में भी बदलाव किया गया है। ये संशोधन विकलांग व्यक्तियों के जीवन को सुगम बनाने और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

UDID कार्ड और विकलांग प्रमाण पत्र के नए नियम क्या हैं?

विशेषताविवरण
योजना का नामविकलांग व्यक्तियों के अधिकार (RPwD) संशोधन नियम, 2024
लागू तिथि18 अक्टूबर 2024
रंग-कोडित कार्डसफेद, पीला, नीला
आवेदन प्रक्रियाऑनलाइन UDID पोर्टल
समय सीमा3 महीने
प्राधिकरणजिला चिकित्सा प्राधिकरण
उद्देश्यविकलांग व्यक्तियों के लिए सेवाओं को सुलभ बनाना
लाभार्थीविकलांग व्यक्ति

रंग-कोडित UDID कार्ड

नए नियमों के अनुसार, UDID कार्ड अब विकलांगता के स्तर के आधार पर तीन अलग-अलग रंगों में जारी किए जाएंगे:

  • सफेद कार्ड: 40% से कम विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए
  • पीला कार्ड: 40% से 79% तक की विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए
  • नीला कार्ड: 80% या उससे अधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए

यह रंग-कोडिंग सिस्टम विकलांग व्यक्तियों की पहचान और उनके लिए उपलब्ध सेवाओं को आसानी से समझने में मदद करेगा।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

नए नियमों के तहत, विकलांग प्रमाण पत्र और UDID कार्ड के लिए आवेदन अब UDID पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जाना अनिवार्य है। इस डिजिटल प्रक्रिया से आवेदन करना आसान और तेज हो जाएगा। आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:

  • पहचान का प्रमाण
  • 6 महीने से पुरानी नहीं होने वाली एक हालिया फोटो
  • निवास का प्रमाण
  • आधार कार्ड नंबर या नामांकन संख्या

प्रमाण पत्र जारी करने की समय सीमा

नए नियमों के अनुसार, अब प्रमाण पत्र और UDID कार्ड जारी करने की समय सीमा तीन महीने तक बढ़ा दी गई है। पहले यह समय सीमा एक महीने की थी। यह बदलाव चिकित्सा अधिकारियों को विकलांगता का सही आकलन करने के लिए अधिक समय देने के उद्देश्य से किया गया है।

आवेदन प्रक्रिया में अन्य महत्वपूर्ण बदलाव

जिला स्तर पर मेडिकल अथॉरिटी

नए नियमों के तहत, विकलांग प्रमाण पत्र और UDID कार्ड केवल जिला स्तर की मेडिकल अथॉरिटी या अधिसूचित सक्षम मेडिकल अथॉरिटी द्वारा ही जारी किए जा सकते हैं। यह नियम आवेदक के निवास जिले में लागू होगा। इस बदलाव का उद्देश्य प्रक्रिया को अधिक विश्वसनीय और मानकीकृत बनाना है।

आवेदन की वैधता अवधि

नए नियमों में एक महत्वपूर्ण प्रावधान यह है कि अगर किसी आवेदन पर दो साल तक कोई निर्णय नहीं लिया जाता है, तो वह आवेदन निष्क्रिय माना जाएगा। ऐसी स्थिति में, आवेदक को या तो नया आवेदन करना होगा या फिर संबंधित अधिकारी से संपर्क करके पुराने आवेदन को पुनः सक्रिय करवाना होगा।

अस्वीकृति के मामले में अपील का प्रावधान

अगर किसी आवेदक का आवेदन अस्वीकार कर दिया जाता है, तो मेडिकल बोर्ड को एक महीने के भीतर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से कारण बताना होगा। आवेदक के पास अस्वीकृति के खिलाफ 90 दिनों के भीतर अपील करने का अधिकार होगा।

नए नियमों का प्रभाव और चुनौतियां

सकारात्मक प्रभाव

  1. पारदर्शिता में वृद्धि: रंग-कोडित UDID कार्ड से विकलांगता के स्तर को आसानी से पहचाना जा सकेगा।
  2. डिजिटलीकरण: ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया से कागजी कार्रवाई कम होगी और प्रक्रिया तेज होगी।
  3. मानकीकरण: जिला स्तर की मेडिकल अथॉरिटी द्वारा प्रमाण पत्र जारी करने से प्रक्रिया में एकरूपता आएगी।
  4. गलत उपयोग पर रोक: नए नियम विकलांगता प्रमाण पत्रों के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेंगे।

संभावित चुनौतियां

  1. डिजिटल डिवाइड: ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले या डिजिटल साक्षरता की कमी वाले लोगों के लिए ऑनलाइन आवेदन मुश्किल हो सकता है।
  2. समय सीमा में वृद्धि: तीन महीने की बढ़ी हुई समय सीमा से कुछ मामलों में देरी हो सकती है।
  3. आधार कार्ड की अनिवार्यता: आधार कार्ड की आवश्यकता कुछ लोगों को प्रक्रिया से बाहर कर सकती है।
  4. जागरूकता की कमी: नए नियमों के बारे में जानकारी का अभाव लोगों को लाभ लेने से वंचित कर सकता है।

विकलांग व्यक्तियों के लिए उपलब्ध अन्य सुविधाएं और योजनाएं

शिक्षा संबंधी सुविधाएं

  1. छात्रवृत्ति योजनाएं: विकलांग छात्रों के लिए विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाएं उपलब्ध हैं।
  2. रिजर्वेशन: शैक्षणिक संस्थानों में विकलांग व्यक्तियों के लिए 5% आरक्षण का प्रावधान है।
  3. विशेष शिक्षा: विकलांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षा केंद्रों की व्यवस्था।

रोजगार संबंधी सुविधाएं

  1. सरकारी नौकरियों में आरक्षण: विकलांग व्यक्तियों के लिए सरकारी नौकरियों में 4% आरक्षण।
  2. स्वरोजगार योजनाएं: विकलांग व्यक्तियों के लिए स्वरोजगार शुरू करने हेतु वित्तीय सहायता।
  3. कौशल विकास कार्यक्रम: विकलांग व्यक्तियों के लिए विशेष कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रम।

स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं

  1. नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच: सरकारी अस्पतालों में विकलांग व्यक्तियों के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की सुविधा।
  2. सहायक उपकरण: जरूरतमंद विकलांग व्यक्तियों को सहायक उपकरण प्रदान करने की योजनाएं।
  3. बीमा कवरेज: विकलांग व्यक्तियों के लिए विशेष स्वास्थ्य बीमा योजनाएं।

यात्रा और परिवहन संबंधी सुविधाएं

  1. रेल यात्रा में छूट: विकलांग व्यक्तियों को रेल यात्रा में किराए में छूट।
  2. बस यात्रा में रियायत: कई राज्यों में विकलांग व्यक्तियों को बस यात्रा में रियायत।
  3. सुगम्य परिवहन: सार्वजनिक परिवहन को विकलांग-अनुकूल बनाने के प्रयास।

अस्वीकरण (Disclaimer)

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हालांकि हमने सटीक और अद्यतन जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है, फिर भी सरकारी नियमों और नीतियों में समय-समय पर बदलाव हो सकता है। इसलिए, पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक सरकारी स्रोतों या संबंधित विभागों से संपर्क करें। यह लेख किसी भी कानूनी या व्यावसायिक सलाह का विकल्प नहीं है।

Author

  • Kajal Kumari

    Kajal Kumari is an experienced writer with over 7 years of expertise in creating engaging and informative content. With a strong educational background in literature and communication.

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