उत्तर प्रदेश के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को पांच साल बाद एक बड़ा झटका लगा है। राज्य सरकार ने अप्रैल 2025 से बिजली की दरों में बढ़ोतरी कर दी है, जिससे आम जनता की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। अब हर महीने के बिजली बिल में 1.24% का फ्यूल सरचार्ज जुड़ जाएगा।
यह बढ़ोतरी ऐसे समय में की गई है जब महंगाई पहले से ही लोगों की परेशानी बढ़ा रही है। गर्मी के मौसम में बिजली की खपत बढ़ने के साथ ही यह नया सरचार्ज उपभोक्ताओं के मासिक खर्च में और इजाफा करेगा।
यह बढ़ोतरी उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) द्वारा मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन-2025 के तहत लागू की गई है। खास बात यह है कि यह फ्यूल सरचार्ज हर महीने पेट्रोल-डीजल की तरह घट-बढ़ सकता है, यानी बिजली के बिल में हर माह बदलाव संभव है।
इस फैसले का सीधा असर राज्य के 3.45 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ताओं पर पड़ेगा और बिजली कंपनियों को करीब 79 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी। हालांकि, उपभोक्ता परिषद ने इस बढ़ोतरी का विरोध किया है और इसे आम जनता पर बोझ बताया है।
UP Electricity Rates Hike
बिंदु/पैरामीटर | विवरण/आंकड़े |
दरों में बढ़ोतरी | 1.24% (फ्यूल सरचार्ज के रूप में) |
लागू तिथि | अप्रैल 2025 से |
कितने साल बाद बढ़ोतरी | 5 साल |
किस पर लागू | सभी घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ता |
कुल उपभोक्ता (2025) | 3.45 करोड़ से अधिक |
कंपनियों को अनुमानित आमदनी | 78.99-79 करोड़ रुपये प्रति माह |
प्रति 1000 रु. बिल पर असर | 12.40 रुपये अतिरिक्त |
प्रति यूनिट दर (घरेलू) | 5.50 से 7.00 रुपये (2025 की दरें) |
प्रति यूनिट दर (गैर-घरेलू) | 7.00 से 10.00 रुपये |
विरोध | विद्युत उपभोक्ता परिषद द्वारा |
लागू आदेश | मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन-2025 के तहत |
यूपी में बिजली महंगी होने के मुख्य कारण
- ईंधन लागत में वृद्धि: कोयला, गैस, डीजल आदि की कीमतों में बढ़ोतरी से बिजली उत्पादन महंगा हो गया है।
- फ्यूल सरचार्ज का नया प्रावधान: मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन-2025 के तहत कंपनियों को हर महीने फ्यूल सरचार्ज तय करने का अधिकार मिला।
- बिजली कंपनियों का घाटा: UPPCL पर उपभोक्ताओं का 33,122 करोड़ रुपये बकाया है, जिससे कंपनियों की आर्थिक स्थिति कमजोर है।
- बिजली की बढ़ती मांग: गर्मी के मौसम में बिजली की खपत में भारी इजाफा होता है।
यूपी में नई बिजली दरें (2025)
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए
यूनिट स्लैब | मासिक फिक्स्ड चार्ज | प्रति यूनिट दर (रुपये) | फ्यूल सरचार्ज (1.24%) |
0-100 यूनिट | 110 | 5.50 | 0.068 |
101-150 यूनिट | 110 | 6.00 | 0.074 |
151-300 यूनिट | 150 | 6.50 | 0.081 |
300 यूनिट से ऊपर | 150 | 7.00 | 0.087 |
गैर-घरेलू (कमर्शियल) उपभोक्ताओं के लिए
कैटेगरी | मासिक फिक्स्ड चार्ज | प्रति यूनिट दर (रुपये) | फ्यूल सरचार्ज (1.24%) |
छोटी दुकान (2 KW तक) | 220 | 7.00 | 0.087 |
वाणिज्यिक (2-5 KW) | 300 | 8.50 | 0.105 |
वाणिज्यिक (5 KW से ऊपर) | 400 | 10.00 | 0.124 |
फ्यूल सरचार्ज क्या है और कैसे लागू होगा?
- फ्यूल सरचार्ज बिजली उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले ईंधन (कोयला, गैस, डीजल) की लागत में बदलाव के आधार पर लगाया जाता है।
- यह हर महीने पेट्रोल-डीजल की तरह घट-बढ़ सकता है।
- उपभोक्ताओं के मासिक बिल में यूनिट के हिसाब से यह शुल्क जोड़ा जाएगा।
- उदाहरण: अगर मार्च में आपका बिल 1000 रुपये था, तो अप्रैल से आपको 12.40 रुपये अतिरिक्त फ्यूल सरचार्ज देना होगा।
- यह पहली बार है जब यूपी में हर महीने बिजली बिल में यह बदलाव देखा जाएगा।
बिजली दरों में बढ़ोतरी का असर
- घरेलू बजट पर सीधा असर: हर महीने बिजली बिल में बढ़ोतरी से आम आदमी की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
- गर्मी में ज्यादा असर: गर्मी के मौसम में बिजली की खपत बढ़ने से बिल में और इजाफा होगा।
- छोटे व्यापारियों पर असर: दुकानदारों, छोटे उद्योगों को भी ज्यादा बिल देना होगा।
- महंगाई पर असर: बिजली महंगी होने से अन्य सेवाओं और वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
बिजली उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया
- विरोध: विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस बढ़ोतरी का विरोध किया है। परिषद का कहना है कि जब UPPCL पर उपभोक्ताओं का 33,122 करोड़ रुपये बकाया है, तो नई बढ़ोतरी करना अनुचित है।
- आंदोलन की चेतावनी: परिषद ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
- जनता में नाराजगी: आम उपभोक्ता इस फैसले से नाराज हैं, खासकर तब जब महंगाई पहले से ही बढ़ी हुई है।
यूपी में बिजली बिल बढ़ने के संभावित कारण
- ईंधन की लागत में बढ़ोतरी
- बिजली कंपनियों का घाटा
- ट्रांसमिशन और वितरण लागत में इजाफा
- बिजली चोरी और लाइन लॉस
- बढ़ती बिजली मांग
बिजली उपभोक्ताओं के लिए सुझाव
- बिजली का इस्तेमाल सोच-समझकर करें, फालतू लाइट्स और उपकरण बंद रखें।
- एनर्जी एफिशिएंट उपकरणों का इस्तेमाल करें।
- मासिक बिल का हिसाब रखें और समय पर भुगतान करें।
- किसी भी गड़बड़ी या ओवरचार्जिंग की शिकायत UPPCL पोर्टल पर करें।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में 1.24% की बढ़ोतरी आम उपभोक्ता के लिए बड़ा झटका है। अब हर महीने के बिल में यह फ्यूल सरचार्ज जुड़ जाएगा, जिससे मासिक खर्च बढ़ेगा। यह बढ़ोतरी मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन-2025 के तहत लागू की गई है और कंपनियों को हर महीने सरचार्ज बदलने का अधिकार मिला है।
हालांकि, उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध किया है और इसे आम जनता पर बोझ बताया है। आने वाले समय में बिजली की खपत और दरों पर नजर रखना जरूरी होगा।
Disclaimer: यह आर्टिकल उत्तर प्रदेश में अप्रैल 2025 से लागू बिजली दरों में बढ़ोतरी, फ्यूल सरचार्ज और उससे जुड़े नियमों पर आधारित है। सभी आंकड़े और जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स व सरकारी आदेशों पर आधारित हैं।
यूपी में बिजली महंगी होने और हर महीने सरचार्ज वसूली की खबर पूरी तरह वास्तविक है और उपभोक्ताओं को अब बढ़ा हुआ बिल चुकाना होगा।